श्री बंके बिहारी तेरी आरती गाऊं
श्री बंके बिहारी तेरी आरती गाऊं,
हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं ।
आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,
श्याम सुंदर तेरी आरती गाऊं ।
॥ श्री बंके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥
मोर मुकुट प्यारे शीश पे सोहे,
प्यारी बंसी मेरे मन मोहे ।
देख छवि बलिहारी मैं जाऊं ।
॥ श्री बंके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥
चरणों से निकली गंगा प्यारी,
जिसने सारी दुनिया तारि ।
मैं उन चरणों के दर्शन पाऊं ।
॥ श्री बंके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥
दास अनाथ के नाथ आप हो,
दुःख-सुख जीवन प्यारे साथ आप हो ।
हरी चरणों में शीश झुकाऊं ।
॥ श्री बंके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥
श्री हरिदास के प्यारे तुम हो,
मेरे मोहन जीवन धन हो ।
देख युगल छवि बलि-बलि जाऊं ।
॥ श्री बंके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥
श्री बंके बिहारी तेरी आरती गाऊं,
हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं ।
आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,
श्याम सुंदर तेरी आरती गाऊं ।
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