ૐ जय श्री कृष्ण हरे आरती
ૐ जय श्री कृष्ण हरे
प्रभु जय श्री कृष्ण हरे
भक्तन के दुःख सारे पल मेँ दूर करे
!! ૐ जय श्री कृष्ण हरे !!
परमानंद मुरारी मोहन गिरधारी
जय रास बिहारी जय जय गिरधारी
!! ૐ जय श्री कृष्ण हरे !!
कर कंकण कटि सोहत कानन मेँ बाला
मोर मुकुट पीतांबर सोहे वनमाला
!! ૐ जय श्री कृष्ण हरे !!
दीन सुदामा तारे दरिद्रों के दुख तारे
गज के फंद छुड़ाए भव सागर तारे
!! ૐ जय श्री कृष्ण हरे !!
हिरण्यकशिपु संहारे नरहरि रूप धरे,
पाहन से प्रभु प्रगटे यम के बीच पड़े
!! ૐ जय श्री कृष्ण हरे !!
केशी कंस विदारे नल कुबेर तारे,
दामोदर छवि सुंदर भगतन के प्यारे
!! ૐ जय श्री कृष्ण हरे !!
काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे,
फण फण नाचा करते नागन मन मोहे
!! ૐ जय श्री कृष्ण हरे !!
राज्य उग्रसेन पाए माता शोक हरे,
द्रुपद सुता पट राखी, करुणा लाज भरे
!! ૐ जय श्री कृष्ण हरे!!
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