ॐ जय कैल रानी, कैल माता की आरती
ॐ जय कैल रानी,
मइया जय कैल रानी ।
ज्योति अखंड दिए माँ
तुम सब जगजानी ॥
तुम हो शक्ति भवानी
मन वांछित फल दाता ॥
अद्भुत रूप अलौकिक
सदामंद माता ॥
ॐ जय कैल रानी।
गिरी त्रिकुट पर आप
विराजी चमुण्डा संग ।
भक्तों पाप नाशवां
बन पावन गंगा ॥
ॐ जय कैल रानी।
भक्त बहोरा द्वारे रहता
कर्ता अगवानी ॥
लाल ध्वजा नभ चमट
राजेश्वर रानी ॥
ॐ जय कैल रानी।
नौबत बजे भवन में
शंख नाद भारी ॥
योगन गावत नाचत
दे दे कर ताऱी ॥
ॐ जय कैल रानी ।
ध्वजा नारियल रोली
पान सुपारी साथ ॥
लेकर पद प्रेम से
जो जन यहां आता ॥
ॐ जय कैल रानी।
दर्शन परश कर माँ के
मुक्ति जान पाता ॥
भक्त शरण है तेरी
रख अपने साथ ॥
ॐ जय कैल रानी।
कैलाजी की आरती
जो जन है गाता ॥
भक्त कहे भाव सागर
पार उतर जाता ॥
ॐ जय कैल रानी,
मइया जय कैल रानी ।
ज्योति अखंड दिए माँ
तुम सब जगजानी ॥
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