माता श्री चिंतपूर्णी देवी
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चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तaaro भोली माँ
जन को तaaro भोली माँ,
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥
॥ भोली माँ ॥
सिंह पर भाई असवार,
भोली माँ चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥
॥ भोली माँ ॥
एक हाथ खडग दूसरे में खंडा,
तीजे त्रिशूल संभालो ॥
॥ भोली माँ ॥
चौथे हाथ चक्कर गदा,
पाँचवे छठे मुण्डों की माला ॥
॥ भोली माँ ॥
सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे,
आदये से असुर संहारो ॥
॥ भोली माँ ॥
चम्पे का बाग लगा अति सुंदर,
बैठी दीवान लगायें ॥
॥ भोली माँ ॥
हरि ब्रह्मा तेरे भवन विराजे,
लाल चन्दोया बैठी तान ॥
॥ भोली माँ ॥
औकही घाटी विकट पैंदा,
तल बहें दारिया ॥
॥ भोली माँ ॥
सुमन चरण ध्यानु जस गावें,
भक्त दी पज निभाओ ॥
॥ भोली माँ ॥
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तaaro भोली माँ
माता श्री चिंतपूर्णी देवी के बारे में
माता श्री चिंतपूर्णी देवी शक्ति का एक स्वरूप हैं जिन्हें चिंताएं हरने वाली माना जाता है। वे हिमाचल प्रदेश के चिंदरौली गांव के पास स्थित एक पवित्र शक्तिपीठ की देवी हैं।
अर्थ
श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती में उनकी दिव्यता, शक्ति और भक्तों की चिंताएं दूर करने की महिमा का वर्णन किया जाता है। यह उनकी करुणा और संकट मोहिनि स्वरूप की पुनः पुष्टि करती है।
लाभ
- भक्तों की चिंताएं दूर करना
- मानसिक शांति और संतोष प्रदान करना
- सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति
- जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन
महत्व
यह शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहां माता का आनंदमय रूप स्थित है। यह तीर्थ स्थल विश्वभर के भक्तों के लिए चिंताएं दूर करने और आशीर्वाद पाने का केंद्र है।