महाकाल आरती
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काल की विकराल की,
त्रिलोकेश्वर त्रिकाल की,
भोले शिव कृपाल की,
करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की,
करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की,
बाबा महाकाल की,
ओ मेरे महाकाल की,
करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की।
पित पुष्प बाघंबर धारी,
नंदी तेरी सवारी,
पित पुष्प बाघंबर धारी,
नंदी तेरी सवारी,
त्रिपुण्ढारी हे त्रिपुरारी,
भोले भव भयहारी,
शम्भू दीन दयाल की,
तीन लोग दीगपाल की,
कैलाशी शशिभाल की,
करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की।
डमरू बाजे डम डम डम,
नाचे शंकर भोला,
डमरू बाजे डम डम डम,
नाचे शंकर भोला,
बम भोले शिव बमबम बमबम,
चढ़ा भंग का गोला,
जय जय हृदय विशाल की,
आशुतोष प्रतिपाल की,
नैना धक धक ज्वाल की,
करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की।
आरत हरी पालनहारी,
तू है मंगलकारी,
आरत हरी पालनहारी,
तू है मंगलकारी,
मंगल आरती करे नर नारी,
पाये पदार्थ चारी,
कालरूप महाकाल की,
कृपासिंधु महाकाल की,
उज्जयिनी महाकाल की,
करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की।
काल की विकराल की,
त्रिलोकेश्वर त्रिकाल की,
भोले शिव कृपाल की,
करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की,
करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की,
बाबा महाकाल की,
ओ मेरे महाकाल की,
करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की।
महाकाल आरती के बारे में
महाकाल आरती भगवान शिव के महाकाल स्वरूप की महिमा करती है। यह आरती उनके काल के अनंत और अजेय रूप, मृत्यु के पार श्री काल के रूप में वर्णन करती है। इसमें उनके तांडव नृत्य, भस्म लिप्त स्वरूप और भक्तों पर उनकी कृपा का सुंदर चित्रण है।
अर्थ
इस आरती का भाव है कि महाकाल भगवान हैं जो समय के स्वामी हैं और मृत्यु को भी मात देते हैं। उनका आह्वान करने से भय समाप्त होता है और जीवन में सुख-समाधान आता है।
लाभ
- भय और संकटों से मुक्ति
- आध्यात्मिक उन्नति और शांति
- बाधाओं का निवारण और सफलता
- जीवन में स्थिरता और शक्ति
महत्व
महाकाल आरती विशेष रूप से सावन के सोमवारों और महाशिवरात्रि के अवसर पर की जाती है। यह आरती भगवान शिव की महिमा का सर्वोत्तम स्तुति-संग्रह है।