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माँ महा काली आरती

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जय काली माता, माँ जय महा काली माँ।
रक्तबीज वध कारिणी माता।
सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ॥
दक्ष यज्ञ विध्वंस करणी माँ शुभ निशुम्भ हारली।
मधु और कैटभ नाशिनी माता।
महिषासुर मर्दिनी... ओ माता जय महा काली माँ॥

हे हिम गिरिकी नंदिनी प्रकृति रचा इत्थी।
काल विनाशिनी काली माता।
सुरंजना सुख दात्री हे माता॥

अन्नधम वस्त्रम दायानी माता आदि शक्ति अम्बे।
कनकन कन निवासिनी माता।
भगवती जगदम्बे... ओ माता जय महा काली माँ॥

दक्षिणा काली आद्या काली... काली नाम रूपा।
तीनो लोक विचारिति माता धर्म मोक्ष रूपा॥

॥ जय महा काली माँ ॥

माँ महा काली आरती के बारे में

माँ महाकाली की आरती उनकी पराक्रमी और दुष्ट संहारिणी शक्ति का गुणगान करती है। महाकाली को समय और मृत्यु का स्वरूप माना जाता है, जो असुरों का नाश कर धर्म की रक्षा करती हैं।

अर्थ

आरती का भाव यह है कि माँ महाकाली सर्वशक्तिमान देवी हैं जो अपने भक्तों की रक्षक और धर्म की संरक्षिका हैं। वे दुष्टों का संहार कर भक्तों को साहस और शक्ति प्रदान करती हैं।

लाभ

  • भय, शत्रु और बाधाओं से मुक्ति
  • अंतः शक्ति और साहस की वृद्धि
  • सभी संकटों पर विजय
  • भक्ति और ऐश्वर्य का प्राप्त होना

महत्व

माँ महाकाली की आरती विशेष रूप से नवरात्रि और अमावस्या को गाई जाती है। इससे देवी की अपार शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।

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