कात्यायनी माता की आरती
जय कात्यायनी माता, जय कात्यायनी माता,
सुख सृष्टि में पाए, जो तुमको ध्याता।
जय कात्यायनी माता।
आदि अनादि अनामय, अविचल अविनाशी,
अटल अनंत अगोचर, अजा आनंद राशि।
जय कात्यायनी माता।
लाल ध्वजा नभ चुमत, मंदिर पे तेरे,
जगमग ज्योति माँ जगती, भक्त रहे घेरे।
जय कात्यायनी माता।
केशत चित्त सुख दायी, शुद्ध ब्रह्म रूपा,
सत्य सनातन सुंदर, शक्ति स्वरूपा।
जय कात्यायनी माता।
दसवे दानव दुर्गा, नाना शस्त्र करा,
अष्ट मात्रा का योगिनी, नव नव रूप धरा।
जय कात्यायनी माता।
महिषासुर संहारिणी, दुर्गुण सभी हरो,
दोष विकार मिटाके, पवन हमे करो।
जय कात्यायनी माता।
छठे नवरात्रि को जो, पूजे तुम्हे मायी,
उसने दयामयी माँ, तेरी कृपा पायी।
जय कात्यायनी माता।
हम अति दीन दुःखी है, कृपा जरा करिये,
हैं माँ दोष बहुत पर, आप ना ध्यान दरिये।
जय कात्यायनी माता।
हे कात्यायनी मैया, आरती तेरी गाते,
ना धन चाहे ना सोना, प्यार तेरा चाहते।
जय कात्यायनी माता।
जय कात्यायनी माता, जय कात्यायनी माता,
सुख सृष्टि में पाए, जो तुमको ध्याता।
जय कात्यायनी माता।