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जगदम्बा जी की आरती

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!! आरती कीजे शैल सुता की जगदम्बाजी की,
स्नेह सुधा सुख सुन्दर लीजे,
जिनके नाम लेत वाग भीजे ,
ऐसी वह माता वसुधा की ,
आरती कीजे शैल सुता की जगदम्बाजी की, !!

!! पाप विनाशिनी काली माल हारिणी,
दयामयी, भवसागर, तारिणी
शास्त्र, धारिणी, शैल,
विहारिणी, बुद्धिराशी, गणपति माता की,
आरती कीजे शैल सुता की जगदम्बाजी की !!

!! सिंहवाहिनी मातु भवानी,
गौरव गान करे जग प्राणी,
शिव के हृदयासन की रानी,
, करे आरती मिल जुल ताकी,
आरती कीजे शैल सुता की जगदम्बाजी की !!

जगदम्बा जी की आरती के बारे में

जगदम्बा जी की आरती माँ दुर्गा, जगत जननी, और शक्ति की स्तुति करती है। यह आरती देवी के गरिमा, शक्ति, करुणा, तथा संसार के कल्याणकारी स्वरूपों का विस्तार से वर्णन करती है। जगदम्बा महाशक्ति हैं, जो सभी रूपों में भक्तों की रक्षा करती हैं।

अर्थ

इस आरती का भाव माँ के सभी रूपों में भक्तों को संकट से बचाने, सुख-शांति देने तथा जीवन में शक्ति एवं धर्म की स्थापना का संदेश देना है।

लाभ

  • संकटों का निवारण और घर-परिवार में सुख
  • शक्ति और साहस का संचार
  • धार्मिक और आध्यात्मिक प्रगति
  • परिवार में सौहार्द और समृद्धि
  • भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि

महत्व

माँ जगदम्बा की आरती विशेष रूप से नवरात्रि, दुर्गा पूजा और शक्ति पूजा के दौरान की जाती है। यह आरती भक्तों के लिए असीम कृपा और आध्यात्मिक विकास का मार्ग दर्शाती है।

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