गौरी नंदन की आरती
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आरती श्री गौरी नंदन की
ॐ जय गौरी नंदन, प्रभु जय गौरी नंदन,
गणपति विघ्न निकंदन, मंगल निशापंदन,
ॐ जय गौरी नंदन, प्रभु जय गौरी नंदन,
ऋषि सिद्धिया जिनके, नित ही चंवर करे,
करिवर मुख सुखकरक, गणपति विघ्न हरे,
ॐ जय गौरी नंदन, प्रभु जय गौरी नंदन,
देवगुणों में पहले तव पूजा होती,
तव मुख छवि भक्तों के दुःख दारिद्र खोती,
ॐ जय गौरी नंदन, प्रभु जय गौरी नंदन,
गुड का भोग लगत है, कर मोदक सोहे,
ऋषि सिद्धि शे शोभत, त्रिभुवन मन मोहे,
ॐ जय गौरी नंदन, प्रभु जय गौरी नंदन,
लंबोदर भय हरि, भक्तों के त्राता,
मातु भक्त हो तुम्ही, वांछित फल दाता,
ॐ जय गौरी नंदन, प्रभु जय गौरी नंदन,
मूषक वाहन राजत कनक छत्रधारी,
ॐ जय गौरी नंदन, प्रभु जय गौरी नंदन,
विघ्नारनेद्वनल, शुभ मंगलकारी,
ॐ जय गौरी नंदन, प्रभु जय गौरी नंदन,
धरणीधर कृत आरती गणपति की गावे,
सुख संपत्ति युथ होकर वेह वांछित पावे,
ॐ जय गौरी नंदन, प्रभु जय गौरी नंदन,
गौरी नंदन की आरती के बारे में
गौरी नंदन की आरती भगवान गणेश को समर्पित एक भक्ति गीत है, जो उनके विघ्नहर्ता और सुखसम्पदा प्रदान करने वाले रूप का स्तवन करती है। आरती में गणेश जी के चरणों की सेवा से सभी बाधाएँ दूर होने और जीवन में सफलता प्राप्त करने की कामना की जाती है।
अर्थ
यह आरती भगवान गणेश की करुणा, शक्ति और बुद्धिमत्ता का वर्णन करती है। यह बताती है कि गणेश जी के पूजन और स्मरण से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
लाभ
- संकटों और बाधाओं से मुक्ति
- मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास
- सफलता और समृद्धि
- भगवान गणेश की कृपा और संरक्षण
महत्व
यह आरती श्रद्धालुओं द्वारा गणेश चतुर्थी और अन्य धार्मिक अवसरों पर गाई जाती है। नियमित पाठ से भगवान गणेश की आशीर्वाद प्राप्त होती है और जीवन में मंगलता आती है।