भगवान श्री शीतलनाथ जी आरती
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी,
स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी ।
घृत दीपक से करू आरती,
घृत दीपक से करू आरती ।
आप अंतर्यामी,
ॐ जयशीतलनाथ स्वामी ॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी … ॥
भादिदलपुर में जन्म लिया प्रभु,
दृढ़रथ पितु नामी,
दृढ़रथ पितु नामी ।
माता सुनंदा के नंदा तुम,
शिवपथ के स्वामी ॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी … ॥
जन्म समय इंद्रों ने,
उत्सव खूब किया,
स्वामी उत्सव खूबकिया ।
मेरु सुदर्शन ऊपर,
अभिषेक खूब किया ॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी… ॥
पंच कल्याणक अधिपति,
होते तीर्थंकर,
स्वामी होते तीर्थंकर ।
तुम दसवे तीर्थंकर स्वामी,
हो प्रभु क्षेमंकर ॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी… ॥
अपने पूजक निंदक केप्रति,
तुम हो वैरागी,
स्वामी तुम हो वैरागी ।
केवल चित्त पवित्र करण नित,
तुमपुजे रागी.
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी… ॥
पाप प्रणाशक सुखकरक,
तेरे वचन प्रभो,
स्वामी तेरे वचन प्रभो ।
आत्मा को शीतलता शाश्वत,
दे तब कथन विभो ॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी… ॥
जिनवर प्रतिमा जिनवर जैसी,
हम यह मान रहे,
स्वामी हम यह मान रहे ।
प्रभो चंदनमती तब आरती,
भव दुःख हन करैं ॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी… ॥
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी,
स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी.
घृत दीपक से करू आरती,
घृत दीपक से करू आरती ।
तुम अंतरायामी,
ॐ जयशीतलनाथ स्वामी ॥
॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी… ॥